निगम के नवागत डीएम का कारनामा, 12 साल से पदस्थ डिप्टी रेंजर दुर्गेश मालवीय अंगद के पैर की तरह जमे है रामपुर रेंज में,कर रहे है लाखों के भृष्टाचार, मामले में जांच कर कार्यवाही करने की बजाए उन्हें ही दे दिया 3 रेंज के प्रभार,जंगल की सुरक्षा पर उठ रहे कई सवाल



एंकर – मध्यप्रदेश के बैतूल में मध्यप्रदेश वन राज्य निगम में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है जिम्मदारों द्वारा ही जंगल बेचा जा रहा है मामले में कोई भी जांच और कार्यवाही की जगह लीपापोती कर अधिनस्थों को बचाने में लगे हुए है आपको बता दें कि निगम की रामपुर भतोड़ी परियोजना मण्डल बैतूल में अवैध कटाई, जंगल मे अतिक्रमण जंगल में अवैध उत्खनन भृष्टाचार से जुड़े इतने मामले उजागर किये जा रहे है पर अधिकारी कार्यवाही करने की बजाए एसी दफ्तर में बैठकर जांच जांच खेल रहे है वहीं ज्यादा ही हुआ तो इधर से उधर करके अपना पल्ला झाड़ लेते है ताजा मामला रामपुर रेंज के डिप्टी का है जिसके द्वारा पूरे रेंज में अवैध कटाई अतिक्रमण कर जंगलों के सफाया करवा दिया गया है वहीं जंगल की जमीन तक रोड ठेकेदार को मोटी रकम लेकर उत्खनन के लिए दे दी हजारों सागौन के पेड़ों की कटाई हो गई लकड़ियां गायब हो गई खबर प्रकाशित होने के बाद खुद संभागीय प्रबंधक मौके पर जाकर खुद आंखों से देखकर आये है ये सारे मामले फिर भी इनमें जांच का हवाला दे रहे है मामले में आजतक न कोई जांच हुई न कार्यवाही बल्कि डिप्टी रेंजर दुर्गेश मालवीय को ही 3- 3 मलाईदार रेंज के प्रभार देकर माल लपेटने के लिए खुला मौका दे दिया गया सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी सामने आ रही है कि इस पूरे मामले में नवागत संभागीय प्रबंधक की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस क्षेत्र से होने वाले भृष्टाचार में बराबर की हिस्सेदारी है तभी तो इतने भृष्टाचार के मामले उजागर होने के बाद भी न कोई जांच की गई न ही कोई कार्यवाही संभागीय प्रबंधक द्वारा की गई बल्कि पदोन्नति देकर 3 रेंज के प्रभारी बना दिया गया वहीं डिप्टी रेंजर दुर्गेश मालवीय तो वैसे भी मंजे हुए खिलाड़ी है जो जिस भी जगह रहे है वहाँ पर खुल कर भृष्टाचार करते है और माल लपेटकर वहाँ से हट जाते है जिसका खामियाजा दूसरा जो वहाँ पर आता है उसको भुगतना पड़ता है इस खबर को लेकर निगम का पक्ष जानने के लिए संभागीय प्रबंधक को दुरभाष पर कॉल किया गया पर उनके द्वारा कॉल रिसीव ही नही किया जिससे उनकी भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है खैर अब देखना यह होगा कि इस भृष्टाचार के मामले में भोपाल में बैठे निगम के जिम्मेदार एमडी और आरजीएम क्या जांच करवाएँगे या डिप्टी रेंजर का राज यूं फैला रहेगा और निगम के जंगलो को बेचकर जमकर मौज उड़ाते रहेंगे।
